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#OpenPoetry बड़ी होने लगी है अब वो, दुनियादारी सम

#OpenPoetry बड़ी होने लगी है अब वो, 
दुनियादारी समझने लगी है वो,

मर मिटती थी जिस इश्क़ पे कभी, 
उसे अब दौलत से तौलने लगी है वो,

ठीक ही हुआ जो वक्त रहते संभल गए हम,
अब तो अपनों की भी कीमत लगाने लगी है वो...


#शिशिरCCR... #OpenPoetry
#OpenPoetry बड़ी होने लगी है अब वो, 
दुनियादारी समझने लगी है वो,

मर मिटती थी जिस इश्क़ पे कभी, 
उसे अब दौलत से तौलने लगी है वो,

ठीक ही हुआ जो वक्त रहते संभल गए हम,
अब तो अपनों की भी कीमत लगाने लगी है वो...


#शिशिरCCR... #OpenPoetry