कल की चिन्ता में आज के आनंद में विराम क्यो करू माटी ने जो रूप, रंग, रस, गंध दिए उसे बदनाम क्यो करूँ! मैं हँसता हूँ क्योंकि हँसना मुझे आता है, मैं खिलता हूँ क्योंकि खिलना मुझे सुहाता है, मैं मुरझा गया तो क्या कल फिर एक नया फूल खिलेगा न कभी मुस्कान रुकी हैं, न ही सुगंध जीवन तो एक सिलसिला है इसी तरह चलेगा #DHANRAJ . #today