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इस ज़माने की भीड़ में झूठे मुस्कुराते चेहरों के बी

इस ज़माने की भीड़ में
झूठे मुस्कुराते चेहरों के बीच में
अपने ही चेहरे पे नकाब पहन ने लगा हु
शायद मै अपने आप को भूलने लगा हु,
कौन हु? क्या हु मै?
अपने ही वजूद को खोने लगा हु
जो कल तक था मै
आज मै वो पहले वाला हर्ष नहीं रहा हु,
शायद मै भी अब लोगो की झूठी
बातो में आने लगा हु और
ओरो की मुझे लेके कही गई बातो
को सच समझ कर उन पर यकीन करने लगा हु,
शायद !!! अपने ही वजूद को मिटाने की
राह पे चलने लगा हु। #KhudKoBhoolneLgaHu#NojotoHindi#Kavishala#NojotoKhabri#TST#Kalakaksh#Hindinama#Quotes#Poem#WajoodMitaneLgaHu#Sad#HindiPoem#Nojotoquotes#NojotoPoetry#Nojoto
इस ज़माने की भीड़ में
झूठे मुस्कुराते चेहरों के बीच में
अपने ही चेहरे पे नकाब पहन ने लगा हु
शायद मै अपने आप को भूलने लगा हु,
कौन हु? क्या हु मै?
अपने ही वजूद को खोने लगा हु
जो कल तक था मै
आज मै वो पहले वाला हर्ष नहीं रहा हु,
शायद मै भी अब लोगो की झूठी
बातो में आने लगा हु और
ओरो की मुझे लेके कही गई बातो
को सच समझ कर उन पर यकीन करने लगा हु,
शायद !!! अपने ही वजूद को मिटाने की
राह पे चलने लगा हु। #KhudKoBhoolneLgaHu#NojotoHindi#Kavishala#NojotoKhabri#TST#Kalakaksh#Hindinama#Quotes#Poem#WajoodMitaneLgaHu#Sad#HindiPoem#Nojotoquotes#NojotoPoetry#Nojoto