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अजीब सी कश्मकश है ए मेरे यार रोज घर से निकलता हु

अजीब सी कश्मकश है ए मेरे यार 
रोज घर से निकलता हु रोज मिलते है हजार 
मेहनत का है नही मोल  और आदमी के लगते है बाजार 
ये जिंदगी के जद्दोजत है साहब। इसीलिए हर रोज उड़ने को   रहता हूं तैयार । Get ready to work !
अजीब सी कश्मकश है ए मेरे यार 
रोज घर से निकलता हु रोज मिलते है हजार 
मेहनत का है नही मोल  और आदमी के लगते है बाजार 
ये जिंदगी के जद्दोजत है साहब। इसीलिए हर रोज उड़ने को   रहता हूं तैयार । Get ready to work !
vikram1073252874577

Vikram

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