शिद्दत हमने निभाया है मुहब्बत, बड़ी शिद्दत से! दिल को मिली है राहत,बड़ी शिद्दत से! दिल को समझाने में लगा इक ज़माना! ख़त्म हुई है तेरी चाहत,बड़ी शिद्दत से! मुसलसल झूठ पर झूठ बोलना होता है! कि मिलती है सियासत,बड़ी शिद्दत से! याद करके तुझे तेरी यादों में खो जाना! छोड़ी है हमने ये आदत,बड़ी शिद्दत से! हर लफ़्ज़ में तेरा नाम पिरोते हैं बैठकर! कि हम करते हैं इबारत,बड़ी शिद्दत से! हम ख़ुदा से भी हो जाते हैं ख़फा मगर हम करते हैं तेरी इ़बादत,बड़ी शिद्दत से! कागज के टुकडे"जाज़िब"कमाना आसान है! कमाया जाता है इज्ज़त,बड़ी शिद्दत से! यहाँ भी पढ़ें..! 👇👇👇 हमने निभाया है मुहब्बत, बड़ी शिद्दत से! दिल को मिली है राहत,बड़ी शिद्दत से! दिल को समझाने में लगा इक ज़माना! ख़त्म हुई है तेरी चाहत,बड़ी शिद्दत से!