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राम रावण ऋग्वेद - प्रज्ञानाम ब्रह्म

राम रावण  ऋग्वेद - प्रज्ञानाम ब्रह्मा' (ब्रह्मन परम चेतना है।) यजुर्वेद - 'अहम् ब्रह्मास्मि' ( मैं ब्रह्म हूं।)
 सामवेद - 'तत्वमसि'  (वह तुम हो।)
 अथर्ववेद-'अयम आत्म ब्रह्म'(यह आत्मा ब्रह्म है)


एको अहं, द्वितीयो नास्ति, न भूतो न भविष्यति”!

©Deepak Mishra
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