यू तो बारिशे अब भिगाती नही, जर्रे जर्रे मे तेरा इश्क है, अकसर याद आती नही तेरी, ये वक्त-ए-रन्जिश है, तू माइने मे अदाकार निकली, क्योकी समय तेरी गरदिश मे है। poet code