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चिल्लरों की गठरी, सूती के कपड़े में समेटे कुछ साड़

चिल्लरों की गठरी, सूती के कपड़े में समेटे
कुछ साड़ी के पल्लू की गांठ में लपेटे

रोज़ मुझे चार आने देती थी टाफी खाने को

कुछ कुछ बोझ से लगते हैं बदलते नहीं है
मेरी आजी के दिए पैसे अब चलते नहीं है #आजी #cinemagraph #dsvatsa #vatsa #illiteratepoet #yqbaba #yqdidi #hindipoetry 
To my Grandmother 🙏❤️
चिल्लरों की गठरी, सूती के कपड़े में समेटे
कुछ साड़ी के पल्लू की गांठ में लपेटे

रोज़ मुझे चार आने देती थी टाफी खाने को

कुछ कुछ बोझ से लगते हैं बदलते नहीं है
मेरी आजी के दिए पैसे अब चलते नहीं है #आजी #cinemagraph #dsvatsa #vatsa #illiteratepoet #yqbaba #yqdidi #hindipoetry 
To my Grandmother 🙏❤️
vatsa1506109692311

VATSA

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