तू हकीकत रहे इसलिए में मज़ाक बन जाता हु.. तुम बोलो अपनी आवाज़ में.. में निःशब्द राग बन जाता हु . सारे बलिदान तुम्हारे क्यों... हम पर सारे एहसान तुम्हारै क्यों. चल दी आज़ादी हर अहसास को अब अनुराग बन जाता हु.. छिपा कर रखना ता उम्र अपने अरमानो को चल हम राज़ बन जाते हे तुम ज़िन्दगी में जिन्दादिली की अहमियत समझो.. चलो अब सब छोड़ो आंखे बंद करो देखे क्या ख्वाब आते हे... कल कल कुछ नहीं होने वाला बात समझ. खुशियों के पल बन सिर्फ आज आते हे.. मन श्री. मनोहर rang ho berang ho shree ho sobhagy ho