उदास है आज मन... क्यूं कागज कलम उठाने को कर रहा है मन, उदास है आज मन... बहुत कुछ दबाए बैठे हैं दिल में, क्यूं कुछ उकेरने को कर रहा है मन. उदास है आज मन... बंदिशे बढ़ती जा रही है, सबकुछ बिखरता जा रहा है, क्यूं आज करवटें बदल रहा है मन. उदास है आज मन... चेहरे पर बुझी मुस्कुराहट सी है, आंखों में नमी आई सी है, सब कुछ भूलाकर लिखने को कर रहा है मन. उदास है आज मन... #मनीषा कौशिक #उदासहैआजमन #कागज़ #कलम #मनीषाकौशिक #poem #quotes