इच्छायें इच्छाओं के पनपने के लिये चाहिये एक अल्हड़ मन एक नयी सुन्दर इच्छा जिसमे जन्म ले सके। और उसका पोशन करे अपनी सृजनात्मक कल्पना से बिल्कुल वैसे ही जैसे मां अपनी कोख में बच्ची को जन्म देती है और उसका पोशन करती है ममता और दुलार से। मगर अक्सर इच्छाएं दम तोड़ देती हैं जिम्मेदारियों के नीचे दबकर , उनका गला घोंट देते हैं अभाव रूपी राक्षस ठीक वैसे ही जैसे बेटियाँ, पितृसत्तात्मक सामाजिक व्यव्स्था के नीचे दब जाती हैं या वासना के भेड़िए उनको अपना शिकार बना लेते हैं। और जो इच्छायें इन सब से बचकर पूर्ण हो जाती हैं वो तैयार हो जाती हैं फिर से जन्म देने को और इच्छाओं को। rachna #nojoto #thought #mythought #ichhayen #hindi #lockdownstory