#ओडिसा में आये चक्रवात "फैनी" पर कविता --प्रशान्त मिश्रा ये तबाही का मंज़र है, यूँ ही नहीं थमेगा आज उफान पे समंदर है,यूँ ही नहीं थमेगा उखाड़ के रख देगा मोहब्बत के दुश्मनों को ये 'इश्क़ का बवंडर' है, यूँ ही नहीं थमेगा --प्रशान्त मिश्रा "फनी" चक्रवात स्पेशल कविता"