दुनिया की इस भीड़ से निकल मुझें करनी हैं स्वयं की पहचान, जो खो गया मेरा स्वंय का अस्तित्व अब उसे ढूंढ़ना हैं, मुझे दुनिया के सितारों से निकल चाँद बन चमकना हैं, निकल नेक रास्तों पर मुझें अपनी दुनिया बसाना है, जो मेरी भाँति भटक गया उसे उसकी राह पर पहुंचाना हैं, मंजिल को हासिल कर मेरी सफलता का बिगुल बजाना है। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार...📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-32 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥32:- दुनिया की इस भीड़ में