जला है एक दीपक तूफ़ानों से लड़कर जला है एक दीपक तूफ़ानों से लड़कर छोटी सी उम्र में वो बने वेदों के ज्ञाता मेहनत के बलबूते हुए विश्व विख्याता काल उनका भला कुछ बिगाड़ेगा क्या रक्षा करे जिनकी स्वयं धरती का विधाता चमका है जो संसार में सोने सा तपकर जला है एक दीपक तूफ़ानों से लड़कर शेर जैसे उन्होंने जीवन को जिया है हर क्षण अपना लोगों के नाम किया है न काल का भय और न मृत्यु से डरा है भंडार ज्ञान का जिनके मस्तिष्क में भरा है जो छू गया शिखर को अंगारों पर चलकर जला है एक दीपक तूफ़ानों से लड़कर भोले की कृपा उन पर हैं वो "यज्ञ सम्राट" अहम न तनिक भी और हृदय है विराट पहुंचे हैं उजालों में अंधेरों से निकलकर जला है एक दीपक तूफ़ानों से लड़कर जला है एक दीपक तूफ़ानों से लड़कर -रूपल सिंह जला है एक दीपक तूफ़ानों से लड़कर जला है एक दीपक तूफ़ानों से लड़कर छोटी सी उम्र में वो बने वेदों के ज्ञाता मेहनत के बलबूते हुए विश्व विख्याता काल उनका भला कुछ बिगाड़ेगा क्या रक्षा करे जिनकी स्वयं धरती का विधाता चमका है जो संसार में सोने सा तपकर