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तन निर्लज्ज सा करे प्रतीती ,तेरे स्पर्श का भान आह्

तन निर्लज्ज सा करे प्रतीती ,तेरे स्पर्श का भान
आह्लादित मन चंचल इश्क़ का शैदाई जाने क्या सुजान ।
- अदिती कपीश अग्रवाल ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें। 💐

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
तन निर्लज्ज सा करे प्रतीती ,तेरे स्पर्श का भान
आह्लादित मन चंचल इश्क़ का शैदाई जाने क्या सुजान ।
- अदिती कपीश अग्रवाल ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के। 😊

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