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मगर मैं रुक गई तुम्हे मिल कर वहीं जहां हम मिले। तु

मगर मैं रुक गई
तुम्हे मिल कर
वहीं जहां हम मिले।
तुम, तुम नहीं रुके
तुम बढ़ चले 
अपनी मंजिल की ओर।
और मैं, मैं आज भी
बस यही उलझन में हुं
कि जब रूकना नहीं था
तो क्यों रूकी मैं
तुम ही मेरी मंजिल थे इसलिए
या मंजिल तक जाने का एक पड़ाव
जो मैं कभी पार नहीं कर पाई।
 इशारा था मगर, 
रुकना नहीं था मुझको...
#रुकनानहींथा #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
मगर मैं रुक गई
तुम्हे मिल कर
वहीं जहां हम मिले।
तुम, तुम नहीं रुके
तुम बढ़ चले 
अपनी मंजिल की ओर।
और मैं, मैं आज भी
बस यही उलझन में हुं
कि जब रूकना नहीं था
तो क्यों रूकी मैं
तुम ही मेरी मंजिल थे इसलिए
या मंजिल तक जाने का एक पड़ाव
जो मैं कभी पार नहीं कर पाई।
 इशारा था मगर, 
रुकना नहीं था मुझको...
#रुकनानहींथा #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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vibhasaroj7601

Vibha Saroj

New Creator