Nojoto: Largest Storytelling Platform

जिससे प्रेम हो गया उससे द्वेष नहीं हो सकता चाहे

 जिससे प्रेम हो गया
 उससे द्वेष नहीं हो सकता
चाहे वह हमारे साथ
कितना भी अन्याय क्यों न करे!
                            प्रेमचंद 
वर्तमान प्रेम मे अन्याय हो तो
पुरुष रक्त पिपासु
स्त्री चण्डी हो जाती है
सारांश  इस समय संसार मे
 किसी में सामर्थ्य नहीं है
 कि प्रेम के आसपास भी फटक सके!
                                  आविर्भाव

©Avirbhava suma Sharma
  #avirbhavasharma