समस्याओं के घाट पर हम देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान के कितना तड़प गया इंसान वायरस का हमला, इंसान न संभला, देश बढ़ रहा निमान, के कितना तड़प रहा इंसान... दुनिया झोले त्राल काल का, संकट बड़ा विकट भाल का... तोल मिला न इसकी ढाल का कोरोना है बड़ा कमाल का... चिकित्सा कर्मीयों के हाथ है अब तो सारा भाग्य विधान के कितना तड़प रहा इंसान... मजदूर कट रहा, कलेजा कट रहा लॉकडाउन में धंधे का टोटा पड़ रहा वैक्सीन का बेसब्री से इंतज़ार बढ़ रहा संक्रमण का भी अब देखो कितना बढ़ रहा.. के कितना तड़प रहा इंसान... ©maher singaniya देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान...