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उस रोज़, जब थामा था तुमने हाथ, यूॅं न जानती थी, प्

उस रोज़,
जब थामा था तुमने हाथ,
यूॅं न जानती थी,
प्रेम के नए रंगो में रंगूॅंगी,
यूॅं न जानती थी।

नाम तुम्हारा
मेरी किस्मत की लकीरों में 
तुमने ही पढ़ा,
मैं भी मानूॅंगी मन्नतें,
यूॅं न जानती थी।

तुम संग अपने,
ब्याह की कुछ हसीं यादें,
मैं बटोर ही रही थी,
कुछ पल का है साथ,
यूॅं न जानती थी।

यूॅं तो हूॅं देशप्रेमी भी,
पर तुम्हारा प्रेम मेरी आँखों में,
तुम्हारे जाने के ख़्याल से,
छलकेंगी नदी भी,
यूॅं न जानती थी।
"कृपया अधिक अनुशीर्षक में पढ़ें।" 01/15


उस रोज़,
जब थामा था तुमने हाथ,
यूॅं न जानती थी,
प्रेम के नए रंगो में रंगूॅंगी,
यूॅं न जानती थी।
उस रोज़,
जब थामा था तुमने हाथ,
यूॅं न जानती थी,
प्रेम के नए रंगो में रंगूॅंगी,
यूॅं न जानती थी।

नाम तुम्हारा
मेरी किस्मत की लकीरों में 
तुमने ही पढ़ा,
मैं भी मानूॅंगी मन्नतें,
यूॅं न जानती थी।

तुम संग अपने,
ब्याह की कुछ हसीं यादें,
मैं बटोर ही रही थी,
कुछ पल का है साथ,
यूॅं न जानती थी।

यूॅं तो हूॅं देशप्रेमी भी,
पर तुम्हारा प्रेम मेरी आँखों में,
तुम्हारे जाने के ख़्याल से,
छलकेंगी नदी भी,
यूॅं न जानती थी।
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उस रोज़,
जब थामा था तुमने हाथ,
यूॅं न जानती थी,
प्रेम के नए रंगो में रंगूॅंगी,
यूॅं न जानती थी।