नीर नहीं तो प्राण नहीं, प्राण बिना, माटी देंह, इस तन का घमंड करे क्यों, एक दिन माटी में मिल जाना| सुख में साथ दे ना देवे, दुख का साथी हो जाना, यह तन दो पल की टाटिया, फिर माटी मिल जाना, धन दौलत के पीछे भागे, अंत समय फिर पछताए , क्यों ना रिश्ते कमाया, अंत समय सब नीचे रह जायेगा, कर्म ही साथ है जाना, कुछ पल के मीठे बोल जो बोले, सब जग सर का झुकाँवा, यह तन माटी का पुतला, एक दिन पानी में बह जाना | ©Sonam kuril #paani #शरीर #देंह #mati नीर नहीं तो प्राण नहीं, प्राण बिना, माटी देंह, इस तन का घमंड करे क्यों, एक दिन माटी में मिल जाना| सुख में साथ दे ना देवे, दुख का साथी हो जाना, यह तन दो पल की टाटिया,