शीर्षक - लुगाई पाकिस्तानी रे ------------------------------------------------------------- (शेर)- कैसा रुप बनाकर आई है, यह पाकिस्तानी नार। जैसे जन्मी हो भारत में ही, यह पाकिस्तानी नार।। सावधान हो जाये हम हिंदुस्तानी,कोई राज छुपा है इसमें। कहीं कोई एक जासूस तो नहीं, यह पाकिस्तानी नार।। ------------------------------------------------------------ देखो लाया है सचिन कैसी, लुगाई पाकिस्तानी रे । नाम सबने दिया है उसको, भाभी पाकिस्तानी रे ।। देखो लाया है सचिन कैसी---------------।। खूबसूरत चेहरा उसका, हिरणी सी आँखें उसकी। रंग में वह है रुपाली, मिश्री सी बातें उसकी।। बोले हिन्दी फर्राटे से, नार पाकिस्तानी रे । देखो लाया है सचिन कैसी---------------।। पबजी के खेल में, दोनों की आँखें चार हुई। सीमा पार की सीमा से, मोहब्बत अपार हुई।। बनी सचिन की जीवनसाथी, सीमा पाकिस्तानी रे । देखो लाया है सचिन कैसी----------------।। जानती है वह अंग्रेजी, कम्प्यूटर में भी वह दक्ष। एक पहेली वह बनी है, साजिश का उसमें है अक्स।। लोग कहने लगें हैं उसको, जासूस पाकिस्तानी रे । देखो लाया है सचिन कैसी----------------।। छब्बीस ग्यारह भूले नहीं है, फिर से वैसा नहीं हो। निकले वह आतंकवादी, आतंकी हमला नहीं हो।। आई किसकी अनुमति से, छमिया पाकिस्तानी रे । देखो लाया है सचिन कैसी-----------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #लुगाई पाकिस्तानी रे