#OpenPoetry ज़ब वो मेरी चूडियो की खन खन सुन कर भाग कर आया करेगा मुझे इन्तजार है उस दिन का... जब वो, "सुनती हो" कह कर बुलाया करेगा .. मुझे इंतजार है उस दिन का ज़ब वो सुबह सुबह मेरे लिए चाय बनाया करेगा... मुझे हौले हौले से जागकर प्यार से उठाया करेगा मुझे इन्तजार है उस दिन का.. ज़ब वो चुपके से आकर मेरे बालो मे गजरा लगाया करेगा... . मैं बोला करुँगी इसकी क्या जरूरत थी... तो वो प्यार से पगली बोल कर गले लगया करेगा..... मुझे इन्तजार है उस दिन का... ज़ब वो पीछे से चुकोटि लेते हुए सबके सामने खिजाया करेगा... तो मैं बोला करुँगी रुको कोई देख लेगा.... तो वो और पास आ जाया करेगा.... मुझे इन्तजार है उस दिन का.....