सुनो, मेरे पहले प्यार दिल्लगी बहुत देखी पर कभी प्यार नही हुआ, आये तो बहुत से ज़िन्दगी में पर हर कदम पर हाथ पकड़ के साथ चले कोई तुमसा यार नही हुआ। क्या बताऊँ दोस्तो मुझे इस कदर चाहने का तरीका, सबसे अलग है उसके रूठने ओर मनाने का सलीका। गलतिया बहुत करती है मगर चुप करकर मेरी डांट सहती है, दोस्तो फतेह की बात बताऊ वो मेरी माँ को माँ कहती है। सुनो मेरा आखिरी तक का प्यार होने का दर्जा मैं तुम्हे देता हूं, ओर मेरा पहला प्यार हो तुम आज भरी महफ़िल में ये कहता हूँ।। #Momlovers #love #life