*✍🏻“सुविचार"*📝 📘*“28/11/2021”*📚 ✨*“रविवार”*🌟 ये “जल” “जीवन” इस “प्रकृति” का सबसे महत्वपूर्ण “संसाधन” है, ये जानता है कि इसका “लक्ष्य” क्या है ? ये “पर्वतों” से बहता है,गिरता है, “नदी” में समाकर उसके साथ बहता है,“वनों को हरा भरा” करता है,“प्राणियों की प्यास” बुझाता है,कहीं “टकराता” है कहीं “गिरता” है तब भी आगे बढ़ता है, कहीं इसे “मार्ग” नहीं मिलता है तो भी ये “मार्ग” ढूंढ ही लेता है,कहीं मार्ग होता नहीं है तो भी ये मार्ग बना लेता है,अन्ततः अपने “लक्ष्य” तक पहुँच ही जाता है अर्थात “समुद्र” में जाकर “समाहित” हो जाता है, हमें भी कुछ इसी प्रकार होना चाहिए जहां से भी जाओ सबका “कल्याण” करके जाओ अर्थात “अच्छे कार्य” करते हुए जाओ, “आगे बढ़ो”,आप कभी “टकराओगे”,“गिरोगे” और कभी-कभी चोट भी लगेगी,“उतार-चढ़ाव” ये सभी आएंगे तब भी आगे बढ़ते रहो, कहीं “मार्ग” न मिले तो ढूंढो,कहीं “मार्ग” न हो तो बनाओ,“अपने गणतव्य” को सदैव “स्मरण” रखो, अंत में आप अपने “लक्ष्य” तक अवश्य पहुंचेंगे, *✍🏻“अतुल शर्मा* ©Atul Sharma *✍🏻“सुविचार"*📝 📘 *“28/11/2021”*📚 ✨ *“रविवार”*🌟 *#“जल”* *#“जीवन”*