मुझे प्रेम लिखना पसंद था और उसे प्रेम की कहानियों से नफ़रत l कहती थी ये कहानियां महज, सिर्फ एक ख्याल है जिसे तुम शब्दों से बुनते हो, ये हक़ीक़त से बिल्कुल परे है । मैं कहता तुमने कभी प्रेम किया ही नहीं और किया भी हो तो समझा नहीं , इसीलिए शायद इतनी नफरत करती हो प्रेम से प्रेम कहानियों से । वो कहती अब तुम मुझे बताओगे प्रेम क्या होता है कैसे किया जाता है । दोस्त थी मेरी साथ में 7 साल के साथ के पिछले 2 सालो की दूरी के बात उसके ख्याल इतने बदल जाएंगे नहीं सोचा था । कहती है प्रेम तुम्हारी diary के पन्नो में कहानियों, कविताओं और ख्वाबों में ही अच्छे लगते है । हक़ीक़त की दुनिया का प्रेम सिर्फ जिस्मानी होता है । उसका इस कदर बात करना मुझे बहुत अंदर तक कोंध गया । मैने देखे उसके आंखों में अटके हुए आसु जिसे उसने गिरने से पहले ही अपने दुप्पटे से पोछ लिया । मैं समझ गया इन 2 सालो में कुछ तो हुआ है ऐसा जिससे रिधमा इतनी सहमी सहमी सी है । मैं पूछ बैठा रिधिमा सच सच बताओ इन 2 सालो में क्या हुआ था । वो बाद मे मिलते है, कहकर चली गई । और मैं उसे चाहकर भी रोक नहीं पाया ....। @dear_diary_writer #typewriter #स्टोरी #kahani