मन में हो चिंगारी फूलन सी और अन्याय को फूंक देने की ज्वाला हो, निज न्याय आप लिखो, मत सोच कोई न्याय देने वाला हो, जुल्मी पर प्रतिघात उचित है, अपमानित मन तब से द्रवित है, अपना धर्म चंबल में ठहरा, मत सोच कि कोई धर्म कहने वाला हो, मन में हो चिंगारी फूलन सी और अन्याय को फूंक देने की ज्वाला हो, सदानन्द कुमार ©Sadanand Kumar #Phoolan #phoolandevi #banditqueen #Poetry #Nojotoimageprompt jasmine sun