बचपन का वो भी एक दौर था गणतंत्र में भी ख़ुशी का शौर था ना जाने क्यूँ मैं इतना बड़ा हो गया इंसानियत में मज़हबी बैर हो गया!! ©Shivang Tiwari २६ जनवरी #quotediary #merikalamse