लूट कर मासूम की आबरू जालिमों तुम्हें नींद कैसे आई होगी तुमने तड़पा कर उस खिलते फूल को अपनी बेटियों से नज़र कैसे मिलाई होगी कसूर क्या था शायद कोई खता नहीं थी कलेजा नहीं फटा जब वो चिल्लाई होगी तुम इतने बेहरम कैसे बन गए ऐ दरिंदो सोचता हूँ शायद तालीम ऐसी पाई होगी ©Sarfaraj idrishi लूट कर मासूम की आबरू जालिमों तुम्हें नींद कैसे आई होगी तुमने तड़पा कर उस खिलते फूल को अपनी बेटियों से नज़र कैसे मिलाई होगी कसूर क्या था शायद कोई खता नहीं थी कलेजा नहीं फटा जब वो चिल्लाई होगी तुम इतने बेहरम कैसे बन गए ऐ दरिंदो सोचता हूँ शायद तालीम ऐसी पाई होगी #Justice_for_Asifa #Justice_For_Manisha #justice_for_priyanka #jasticeforankush