जितना गिरता हूँ, उतनी संभलने की ताक़त आती हैं। जिंदगी रण भूमि हैं, ये शूर वीरो को ही आजमाती हैं। देख काफ़िला मुश्किल का मेरी शक्ति बढ़ती जाती हैं। ज़िन्दगी की महाभारत लश्कर से नही हौसले से जीती जाती हैं। यूँ ही नही मिलती विजय, रणनीति तैयार की जाती हैं। सफलता की भूमि आँसुओ से नही लहूँ से सींचि जाती हैं। दुःख - दर्द एक परीक्षा हैं, हिम्मत क्यूँ घबराती हैं। किस्मत जितना आज़माती हैं, उससे दुगना देकर जाती हैं। यूसुफ देहलवी ज़िन्दगी की महाभारत