गीत तुमपर लिख रही हूँ,स्वर मेरा बन जाओ तुम। बन सको तो मैं निवेदन कर रही प्रियतम तुम्हे।। भाव की आराधना हो प्रेम का संकल्प तुम। हो अगर स्वीकार तुमको तो करो ये स्वल्प तुम।। मैं हथेली पर तुम्हे सौभाग्य अपना लिख रही। बन सको तो मैं निवेदन कर रही प्रियतम तुम्हे।। ये तिमिर चुभने लगा है ओज बन आ जाइये। दर्द ठिठुरे में तपन की खोज बन आ जाइये।। लिख रही हूँ प्रेम तुमको प्रेम पथगामी अगर।। बन सको तो मैं निवेदन कर रही प्रियतम तुम्हे।। छाए मेरे प्रेम ह्रदय पर विरह की कालिमा। उससे पहले ही तुम आओ बन मिलन की लालिमा।। मेरे नैनों में अरुण आभा लिए पावन ऊषा। बन सको तो मैं निवेदन कर रही प्रियतम तुम्हे।। गीत तुम पर लिख रही हूँ स्वर मेरा बन जाओ तुम। बन सको तो मैं निवेदन कर रही प्रियतम तुम्हे।। ©priya khushbu #FullMoonNight #Mood #shyari