ख़्वाब और ख़्वाहिशों की दुनिया बसाने के क्रम में लगा रहता हूँ मैं प्यार, पैसा , पॉवर और प्योरिटी पाने के क्रम में लगा रहता हूँ मैं.. रास्ते चुनता हूँ हर रोज़ नए... कभी अपनी पसंद से तो कभी मोटिवेशनल स्पीच सुनकर... न्यूजपेपर में पढ़कर चल देता हूँ घर-बाहर वालों की सुनता हूँ दोस्तों रिश्तेदारों की सोचता हूँ आशा और प्रत्याशाओं के बीच अग़र कहीं सुकून पाता हूँ तो वो हैं नर्म एहसास तुम्हारे ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1053 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।