दौर **** दौर दौर की बात है, एक अलग अंदाज | बदले जब जब दौर हैं, बदले सभी मिजाज || चली हवा बदलाव की, देख समय की चाल | बदलें सब नर नार हैं, ज्यों ज्यों बदला काल || बचपन का जब दौर था, सदा खुशी थी पास | चिंता बिन थे खेलते, करते थे विश्वास || दौर जवानी जब चला, जोश चढ़ा परवान | भला बुरा सोचा नहीं, बने बड़े नादान || एक दौर अहसास का, समझ हुई माकूल | लगे सोचने खूब तब, लगी जिंदगी शूल|| लगे जुगत में फिर सभी, पाए कैसे काम | रोटी कपड़ा सब मिलें, वास मिले सुखधाम || आना जाना दौर का, चले समय के साथ | दौर समय के बन चलो, चलो दौर ले हाथ || @ *गोपाल 'साहिल'* #daur #daurezindagi #hindipoetry #hindipoem #hindikavita #hindipoet #yqbaba #yqdidi