Kill the Ravana inside you because देखा है हमने अपनों को देखा है उनका अपनापन, चेहरे पे हँसीं है रावण सी कर्मों से हैं वो दुर्योधन । सुख में मेरे आते हैं दुःख में मुझे बुलाते हैं, मैं रोता हूँ वो हँसते हैं कैसा ये मेरा पागलपन। देखा है हमने अपनों को .... केहने को दोस्त पुराने हैं मिलने के बडे बहाने हैं, वक़्त पड़ा तो पता चला सबके सब मुझसे शाणे हैं, दिल टूटा और आँख खुली ये दुनिया है काँटों का बन । देखा है हमने अपनों को .... रविकुमार देखा है हमने अपनों को देखा है उनका अपनापन, चेहरे पे हँसीं है रावण सी कर्मों से हैं वो दुर्योधन । सुख में मेरे आते हैं दुःख में मुझे बुलाते हैं, मैं रोता हूँ वो हँसते हैं