Mera ishq bahti ganga si... कुछ ऐसा था ईश्क मेरा कुछ ऐसा था ईश्क मेरा बहती गंगा सी..... लबों पे आने से पहले दिल में ही सिमट गई लबों पे आने से पहले दिल में ही सिमट गई... जो चिंगारी सिने में थी जो चिंगारी सिने में थी आज धुएँ की तरह किसी कोने में दब गई... कुछ रिश्ते कुछ ख्वाब, कुछ रिश्ते कुछ ख्वाब, पनपने से पहले अंदर में ही सिमट गई....... कुछ ऐसा था ईश्क मेरा बहती गंगा सी..........।। सोचा था काबिल होकर, सोचा था काबिल होकर, इस सुलझी हुईं आँखों में उलझी हुई महोब्बत एक दिन बयां कर दूँगा.....।। पर मैं इस बात से वाकिफ नही था की लहरें अपनी साथ साथ कितनों की कश्तियाँ भी डूबा जाती हैं.. कुछ ऐसा था ईश्क मेरा बहती गंगा सी..........।। लबों पे आने से पहले दिल में ही सिमट गई लबों पे आने से पहले दिल में ही सिमट गई... जो चिंगारी सिने में थी जो चिंगारी सिने में थी आज धुएँ की तरह किसी कोने में दब गई... क्योंकि वो आहिस्ता आहिस्ता किसी और की हो गई... कुछ ऐसा था ईश्क मेरा बहती गंगा सी..........।। .... @mit... #mera ishq bahti ganga si