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उसके रहमत का मैं शुक्रगुजार हुँ उसकी आवाज़ पे मिटन


उसके रहमत का मैं शुक्रगुजार हुँ
उसकी आवाज़ पे मिटने को तैयार हुँ,
उसको जाना है खुदा मैंने
उसकी दर पर जाँनिसार हुँ...
आज भी कायम वज़ूद मेरा
बन्दगी के दम से,
कोई क्या समझेगा इस जंहा मे 
क्या है इरादा मेरा..

©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
  #बन्दगी