आईये, बैठिये ना थोड़ा इंतजार कीजिए आज खुद से मिल रहा हूँ मैं।। हर रोज तो सुनता था आपकी थोड़ा शांत रहिये आज खुद की सुन रहा हूँ मैं।। बहुत जीए सपने तुम्हारे अब आंख खोलिये सपने अपने बुन रहा हूँ मैं।। बहुत रोया रात की तन्हाई पर अब गिला छोड़िए आज खुद में हँस रहा हूँ मैं।। हर कोने में लिखा नाम तुम्हारा अब ठिकाना ढूंढिये आज खुद में बस रहा हूँ मैं।। आईये, बैठिये ना थोड़ा इंतजार कीजिए आज खुद से मिल रहा हूँ मैं।। #meetingmyself