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कोई खुशियों की चाह में रोया कोई दुखों की पनाह में

कोई खुशियों की चाह में रोया

कोई दुखों की पनाह में रोया,,

 अजीब सिलसिला है जिंदगी का

कोई भरोसे के लिए रोया,,

कोई भरोसा करके रोया।। कोई भरोसा करके रोया।।
कोई खुशियों की चाह में रोया

कोई दुखों की पनाह में रोया,,

 अजीब सिलसिला है जिंदगी का

कोई भरोसे के लिए रोया,,

कोई भरोसा करके रोया।। कोई भरोसा करके रोया।।
vinaypatel6087

VINAY PATEL

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