Nojoto: Largest Storytelling Platform

//इंसानियत// इंसानियत वैसे बोलने में है एक छोटा ल

//इंसानियत//

इंसानियत वैसे बोलने में है एक छोटा लब्ज़,
पर इसका अर्थ होता है बहुत ही गजब,
मंदिरों में बहुत सारा दान देना नहीं है इंसानियत,
फोटो खिंचवाते हुए किसी गरीब को खाना देना नहीं है इंसानियत,
मजहब के नाम पर एक दूसरे से लड़ना नहीं है इंसानियत,
अरे इंसानियत तो है वो प्यारी चीज जिसने लिए लोगो के दिल जीत,
इंसानियत तो उसमे थी जिसने वतन पर मिटने वाले नौजवान को फांसी न देने के लिए अपनी जज की कुर्सी तक छोड़ी थी,
इंसानियत की मिसाल तो वो था जो अपने वतन के लिए फांसी के फंदे पर जुला था,
आजकल तो लोग यूं ही कर रहे है इंसानियत को बदनाम,लोग तो बस इंसानियत का ढिंढोरा पीठते रह जाते है,
और बेटियो की इज्जत लूट जाती है सरेआम,
अरे इंसानियत की बोली तो उसी दिन लगा दी गई थी,
जब समशिर चलाते हुए शर्म आदमी को आदमी पर नहीं आ रही थी,
बस आज तो इंसानियत शब्द उनके लिए अच्छे लगते है जो वतन पर मिटने के लिए सरहद पर खड़े है #insaaniyt#poemwirting#poemmaker#poemart#poemlover#poemcollection#poemcomposer
//इंसानियत//

इंसानियत वैसे बोलने में है एक छोटा लब्ज़,
पर इसका अर्थ होता है बहुत ही गजब,
मंदिरों में बहुत सारा दान देना नहीं है इंसानियत,
फोटो खिंचवाते हुए किसी गरीब को खाना देना नहीं है इंसानियत,
मजहब के नाम पर एक दूसरे से लड़ना नहीं है इंसानियत,
अरे इंसानियत तो है वो प्यारी चीज जिसने लिए लोगो के दिल जीत,
इंसानियत तो उसमे थी जिसने वतन पर मिटने वाले नौजवान को फांसी न देने के लिए अपनी जज की कुर्सी तक छोड़ी थी,
इंसानियत की मिसाल तो वो था जो अपने वतन के लिए फांसी के फंदे पर जुला था,
आजकल तो लोग यूं ही कर रहे है इंसानियत को बदनाम,लोग तो बस इंसानियत का ढिंढोरा पीठते रह जाते है,
और बेटियो की इज्जत लूट जाती है सरेआम,
अरे इंसानियत की बोली तो उसी दिन लगा दी गई थी,
जब समशिर चलाते हुए शर्म आदमी को आदमी पर नहीं आ रही थी,
बस आज तो इंसानियत शब्द उनके लिए अच्छे लगते है जो वतन पर मिटने के लिए सरहद पर खड़े है #insaaniyt#poemwirting#poemmaker#poemart#poemlover#poemcollection#poemcomposer
royaljangid5019

J.J._poetry

New Creator