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जीवन में ऐसे दिन दो चार मिल जाए, गहरी नींद हो और

जीवन में ऐसे दिन दो चार मिल जाए,
गहरी नींद हो और 
सुबह से चाय अखबार मिल जाए ।।

हम तो तुमसे उलझते ही इसलिए हैं,
कभी किसी बात पर विचार मिल जाएं ।।

गमछे में दो रोटी बांध,चले जाएं खेत में,
कुएं के पास कुटिया में,
कांदा - अचार मिल जाए।।

केस वापस लेने तैयार बैठे हैं बस,
हमको हमारा गुनेहगार मिल जाए ।।

दौलत शोहरत इज्जत पानी के बुलबुले है,
हमको बस लोगों का प्यार मिल जाए ।। #ygoriginals
जीवन में ऐसे दिन दो चार मिल जाए,
गहरी नींद हो और 
सुबह से चाय अखबार मिल जाए ।।

हम तो तुमसे उलझते ही इसलिए हैं,
कभी किसी बात पर विचार मिल जाएं ।।

गमछे में दो रोटी बांध,चले जाएं खेत में,
कुएं के पास कुटिया में,
कांदा - अचार मिल जाए।।

केस वापस लेने तैयार बैठे हैं बस,
हमको हमारा गुनेहगार मिल जाए ।।

दौलत शोहरत इज्जत पानी के बुलबुले है,
हमको बस लोगों का प्यार मिल जाए ।। #ygoriginals