लिखा तो बहुत मैने लेकिन जिक्र करूं तुम्हारा ईमान ने इजा़जत ना दिया, याद तो हो तुम भी हमें ,लेकिन लफ्ज़ लिख जमाने को हाल तुम्हारा बताऊं जमीऱ ने यह भी इजा़जत नही दिया...!! #shayra❤ #openforcollab 👍 हर्फ़-हर्फ़-ए-तहरीर फ़क़त ख़्याली है कागज-कलम ने ख़ामोशी संभाली है ____________✍️_______________ जितना सफर तय कर लिया सफर उतना अभी बाकी है अभी लिखना सीख रही हूँ