ख्वाहिशों को मेरी नापो ना दूर आसमान को तुम झांको ना परों को कभी मेरे काटो ना मेरे होने के मतलब से तुम कोसो ना बुलन्द हौंसलो को मेरे टोको ना बढ़ती राह को चलते छेड़ो ना उजाले की राह को अँधेरे में मोड़ो ना बढ़ते पाँव को तुम रोको ना सजाएँ ख्वाबों को तोड़ो ना मंजिलों पर कांटे बिछाओ ना हँसती इन आँखों को अब रुलाओ ना जीवन की कोई उलझी पहेली बनाओ ना ©lavnya94 #लड़की#सपने#मुश्किल#जीवन #bolpoetry #walkingalone