एक नन्ही सी गिलहरी बहोत उदास है शायद राह भटक गई इसलिए हताश है कोशिश में लगातार लगी है कि भाग जाऊं मगर उसे डर लग रहा है मुझसे कोने में बैठ शायद सोच रही कैसे लगाऊं छलांग दीवार जरा सा ऊंचा है और जगह भी अनजान नन्ही जान आज है बहोत परेशान डर डर कर मैंने भी कुछ दाने डालें मगर वह एक भी ना चुगी चुपचाप बैठी रही मुझे कुछ शक हुआ तो मैंने थोड़ा उकसाया डरकर गिल्लू ने फट से जगह बदल लिया मैंने भी सारे दरवाजे खोल दिए कि वो निकल अपने घर को जाए मैं राह तकती रही पर वह बाहर तक ना आयी ऐसे ही शाम हो चुका एक कमरे से निकल वो दूसरे कमरे में जा छिपी हिम्मत कर भाई ने उसे उठाया सारा बदन मानों बर्फ सा बन चुका था उसका फिर कपड़े में लपेट उसके लिए एक घर बनाया उसे बिठाया दाना खिलाया मगर अभी अब भी वह बहुत सेहमी सी है एक नन्ही सी गिलहरी बहोत उदास है शायद राह भटक गई इसलिए हताश है ©Innocent Soul "Nanhi si Jaan " #gilhari