White खिड़की खोल जगत को देखो, बाहर भीतर घनावरण है शीतल है वाताश, द्रवित है दिशा, छटा यह निरावरण है मेघ यान चल रहे झूमकर शैल-शिखर पर प्रथम चरण है! बूँद-बूँद बन छहर रहा यह जीवन का जो जन्म-मरण है! जो सागर के अतल-वितल में गर्जन-तर्जन है, हलचल है; वही ज्वार है उठा यहाँ पर शिखर-शिखर में चहल-पहल है! ©"SILENT" #sad_shayari