किसी के मनमीत बन सको या नहीं !!! मगर मित बन जाना....... आसूं और गम देने वालों की कमी नहीं किसी के लबों पर ठहरने वाला संगीत बन जाना बन जाना उसके राज़ के वफादार.. उसकी खोई खुशियों की वजह बन जाना जो शाम की सर्द हवाओं में सुकून और ख़ुशी उसे मिले तुम सुनहरी सुबह बन जाना बन जाना प्यारा सा ख़्वाब तुम और उसकी निंदो में समाना ना बनना मनमीत ऐसा की अपनी यादों में उसे रुला जाना किसी के मनमीत बन सको या नहीं!!! मगर मित बन जाना........ ishu.......... #मित#मनमीत