*समकालीन दोहे---* *#पप्पू_हुआ_न_पास* ------------------------ *'ताई' बैठी सिर धुनै, चमचे खड़े उदास।* *नकल माफिया मर गये, 'पप्पू' हुआ न पास।।* *'हुआ हुआ' करते रहे, गिरगिट गिद्ध सियार।* *आया सीना तान कर, वापस 'चौकीदार'।।* *महामिलावट की नहीं, चली एक भी चाल।* *गली न आम चुनाव में, गठबंधन की दाल।।* *जाति पंथ मत भेद के, बुने गये सब जाल।* *फिर भी गल पायी नहीं, गठबंधन की दाल।।* *माँ बेटा बबुआ बुआ, हुये सभी बेहाल।* *बगदीदी के हाथ से, खिसक रहा बंगाल।।* *कर दी चौकीदार ने, पप्पूगीरी फेल।* *उनकी छाती पर गिरा, उनका ही राफेल।।* *जनमत के चाटे पड़े, गाल हो गये लाल।* *चमचे और गुलाम अब, नोच रहे क्यों बाल?* *शौर्य पराक्रम का तुम्हें, लो मिल गया सबूत।* *अपने हाथों खोद ली, खुद अपनी ताबूत।।*