आज सहर का रंग तेरे चेहरे सा निखरा है बन कर धूप की रंगत जो सोन सा बिखरा है आज सहर का रंग तेरे चेहरे सा निखरा है तेरे बालों से ख़ुश्बू ले कर संदल हुई हवा साँसों में लोबान हुई तो दिल को लगी दवा अज़ानों की सबा समेटे बेबाक जो छितरा है आज सहर का रंग तेरे चेहरे सा निखरा है तेरी मुस्कानों सा दमके आफ़ताब का रंग पैर से तेरे थाप मिली तो सूरज हुआ पतंग खुली हथेली पर ख्वाबों का सोनपखरा है आज सहर का रंग तेरे चेहरे सा निखरा है आज सहर का रंग तेरे चेहरे सा निखरा है बन कर धूप की रंगत जो सोन सा बिखरा है आज सहर का रंग तेरे चेहरे सा निखरा है #mikyupikyu #meethashona #tassavuf #hindnama #kavishala