।। "माँ" की लोरी सा, कोई संगीत नहीं था ।। ।। उनके जैसा बचपन में कोई मीत नहीं था ।। ........................................................................ पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़े ........................................................................ रमज़ान:_ बचपन (14/30) #collabwithकोराकाग़ज़ #kkr2021 #kkबचपन #रमज़ान_कोराकाग़ज़ #अल्फाज_ए_कृष्णा #कोराकाग़ज़ ।। "माँ" की लोरी सा, कोई संगीत नहीं था ।। ।। उनके जैसा बचपन में कोई मीत नहीं था ।। ........................................................ कोई लौटा दे मुझे, अब वह "बचपन" मेरा वह किस्से, कहानियाँ वह "नादानियाँ" मेरी