दिल की वो बात दिल में दबी रह गई बिन तेरे ज़िन्दगी में कोई कमी रह गई हिज्र की तड़प सनम और न सही जाए आँखों में तेरी यादों की नमी रह गई कश्ती जो चली थी साहिल की ओर कश्ती इश्क़ की तूफ़ान में फसी रह गई तन्हाइयों के सिवा ज़िन्दगी में कुछ नहीं मसर्रतें सब गुम बस अफ़सुर्दगी रह गई 'सफ़र' कटता नहीं ज़ीस्त यूँ अकेले ज़िन्दगी तुझबिन मेरी ये अधूरी रह गई मसर्रतें- happiness अफ़सुर्दगी- बेचैनी ♥️ Challenge-550 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।