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अपऩे बच्चपन की हर याद मे समेट लिया हुँ तुम्हे, मेर

अपऩे बच्चपन की हर याद मे समेट लिया हुँ तुम्हे,
मेरे जमीऱ ने मना किया फिर भी बाहों मे भर लिया हुं तुम्हे।
ऎ सनम मेरी जिन्दगी को खुद से दुर मत होने देना,
क्युंकि तेरे ख्याल मे खुद का भी ख्याल नहीं है 
मुझे।.
      YADRISYA SWASTIK written#by#yadrishya#swastik#
अपऩे बच्चपन की हर याद मे समेट लिया हुँ तुम्हे,
मेरे जमीऱ ने मना किया फिर भी बाहों मे भर लिया हुं तुम्हे।
ऎ सनम मेरी जिन्दगी को खुद से दुर मत होने देना,
क्युंकि तेरे ख्याल मे खुद का भी ख्याल नहीं है 
मुझे।.
      YADRISYA SWASTIK written#by#yadrishya#swastik#