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कायदे कागज तक सिमट गये वो कायदे बच्चो के लिए थे ज

कायदे

कागज तक सिमट गये वो कायदे
बच्चो के लिए थे जिसमे थे फायदे
काश सरकार ने जो नियम बनाये
 उनका कड़ाई से पालन होता 
आज कोई बच्चा छोटू नहीं होता
अगर मिलते इनको वो अधिकार
जिनके के थे ये हकदार
तो कोई बच्चा कुपोषण का शिकार न होता
करना ना पड़ता बच्चों को नंगे पैर काम
इनके दिल की तलब समझते मां बाप
तो स्कूल में होता हर बच्चे का नाम
अगर मां बाप समझते इनके मायने
कागज तक सिमट गये वो कायदे 
जिसमे ते बच्चो के लिये फायदे
      
                   शिवराज खटीक कायदे
कायदे

कागज तक सिमट गये वो कायदे
बच्चो के लिए थे जिसमे थे फायदे
काश सरकार ने जो नियम बनाये
 उनका कड़ाई से पालन होता 
आज कोई बच्चा छोटू नहीं होता
अगर मिलते इनको वो अधिकार
जिनके के थे ये हकदार
तो कोई बच्चा कुपोषण का शिकार न होता
करना ना पड़ता बच्चों को नंगे पैर काम
इनके दिल की तलब समझते मां बाप
तो स्कूल में होता हर बच्चे का नाम
अगर मां बाप समझते इनके मायने
कागज तक सिमट गये वो कायदे 
जिसमे ते बच्चो के लिये फायदे
      
                   शिवराज खटीक कायदे